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जाना वाणी जी जयाराम का गोलोक

जाना वाणी जी जयाराम का गोलोक  गाने वाले कब कहीं जाते हैं अलबत्ता वह इस नश्वर शरीर से मुक्त हो जाते हैं हमारे लिए अदृश्य रूप.आत्मा अजर अमर अविनाशी है शरीर पहले ही जड़ है इसलिए मृत है। फिर मरता कौन है ?सबकुछ अंतरण है पदार्थ का ऊर्जा में ऊर्जा का पदार्थ में । पदार्थ ऊर्जा में बदली तो मौत कहलाती है और ऊर्जा का दृश्य जगत में पदार्थ रूप अवतरण जन्म कहलाता है।  बोले रे पपीहरा गीत गुड्डी फिल्म में तथा इस ही फिल्म में -हमको मन की शक्ति देना मन विजय करें -देने वाली गायिका कहीं जा भी कैसे सकती है? उनके गाये फिल्म मीरा के गीत सदियों तक गुंजन करते रहेंगे।  मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरा न कोई ......   ,कर न फकीरी फिर क्या दिल गिरी सदा मग्न मैं रहना जी ,कोई दिन बंगला, न कोई दिन गाड़ी ,सदा ही भुई पे लौटना जी।  31:57 Meera - Songs Collection - Hema Malini - Vani Jairam - Pt ... YouTube  ·  Shemaroo Filmi Gaane 31 minutes, 57 seconds 30-Nov-2011 घर में मृत मिलीं सिंगर वाणी जयराम: पद्म भूषण से पिछले महीने सम्मानित हुईं, 77 की उम्र में निधन; 10 हजार से ज्यादा गाने गाए 16 घंटे पहले वीडियो हाल ही पद्म भूषण से सम्म
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सुना है टूलकिट पोषित आंदोलनजीवी भकुवे २६ जून २०२१ को आपातकाल की बरसी मनाएंगे। उस दिन ये गला खोल कर बधाई गाएंगे -आज तो बधाई बाजे रंग महल में।हो सकता है इनमें से कईओं के घर लौंडा हुआ हो इस दरमियान आखिर सत मासे भी पैदा होते हैं फलते फूलते हैं। सुनने में यह भी आया है ट्वीट कांग्रेस का सांस अभी से फूलने लगा है। दादी की करतूतों का भले मंच से बखान न हो और वर्तमान राजनीतिक प्रबंध के खिलाफ रुदाली गाएँ बजाएं टूलकिटिये आपिए और रक्तरँगी मार्क्सवाद गुलाम भकुवे -

सुना है टूलकिट पोषित आंदोलनजीवी भकुवे २६ जून २०२१ को आपातकाल की बरसी मनाएंगे। उस दिन ये गला खोल कर बधाई  गाएंगे -आज तो बधाई बाजे रंग महल में।हो सकता है इनमें से कईओं के घर लौंडा हुआ हो इस दरमियान आखिर सत मासे भी पैदा होते हैं फलते फूलते हैं। सुनने में  यह भी आया है ट्वीट कांग्रेस का सांस अभी से फूलने लगा है। दादी की करतूतों का भले मंच से बखान न हो और वर्तमान राजनीतिक प्रबंध के खिलाफ रुदाली गाएँ बजाएं टूलकिटिये आपिए और रक्तरँगी मार्क्सवाद  गुलाम भकुवे - लेकिन जिन लोगों ने ये दौर देखा वह जानते हैं आपातकाल के अगले दिन जो अखबार छपे थे न सिर्फ उनके मुख पृष्ठ श्याम थे सम्पादकीय की जगह भी खाली छोड़ दी गई थी। जो उस दौर की सारी दास्ताँ बयां करती थी।एक ख़ास किस्म का सन्नाटा उस दौर में देश  में पसरा था जब लिखा गया था - एक गुड़िया की कई कठपुतलियों में जान है , आज शाइर ये तमाशा देख कर हैरान है।  ------------------------------------------  कहाँ तो तय था चरागाँ हरेक घर के लिए , कहाँ चराग मयस्सर नहीं शहर के लिए।  ----------------------------------------- कल नुमाइश में मिला वो चीथड़े पहने हुए , मैं ने पूछ

बंगाल में खूनी खेल पर RSS गंभीर, केंद्र से सख्त कदम उठाने की अपील

नई दिल्ली  पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद भाजपा कार्यकताओं पर हो रहे हमले और हत्या की घटनाओं पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने गंभीर रुख अपनाया है। आरएसएस ने केंद्र सरकार से बंगाल में शांति कायम करने के लिए हर संभव कदम उठाने की अपील की है। संघ ने कहा है कि चुनाव परिणाम के तुरंत बाद अनियंत्रित तरीके से हुई राज्यव्यापी हिंसा न केवल निंदनीय है, बल्कि पूर्व नियोजित भी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने शुक्रवार को कहा, हम केंद्र सरकार से भी आग्रह करते है कि वह बंगाल में शांति कायम करने हेतु आवश्यक हर सम्भव कदम उठाए एवं यह सुनिश्चित करे कि राज्य सरकार भी इसी दिशा में कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि बंगाल में समाज विरोधी शक्तियों ने महिलाओं के साथ बर्बर व्यवहार किया, निर्दोष लोगों की हत्याएं कीं, घरों को जलाया, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों-दुकानों को लूटा एवं हिंसा के फलस्वरूप अनुसूचित जाति-जनजाति समाज के बंधुओं सहित हजारों लोग अपने घरों से बेघर होकर प्राण-मान रक्षा के लिए सुरक्षित स्थानों पर शरण के लिए मजबूर हुए हैं। कूच-बिहार से लेकर सुंदरबन तक सर्

पवन गुरु पानी पिता माता धरत महत , दिवस राति दुइ दाई दाया खेलै सगल जगत , चंगिआईआ बुरिआइआ वाचै धर्म हुदूर || करमी आपो आपनी के नेड़े के दूर , जिनी नाम धिआइआ गए मशक्कत घाल. नानक ते मुख उजले केटी छुटि नाल।

पवन गुरु पानी पिता माता धरत महत , दिवस राति दुइ दाई दाया  खेलै सगल जगत , चंगिआईआ बुरिआइआ वाचै धर्म हुदूर ||  करमी आपो आपनी के नेड़े के दूर , जिनी  नाम धिआइआ गए मशक्कत घाल. नानक ते मुख उजले केटी छुटि नाल।  भावसार :पवन (वायु ,हवा )परमगुरु है ,जल पिता सदृश्य हमारा पालक है (जल से ही जीवन है ,आदमी भूखो रह सकता है चंद दिन ,लेकिन इसी अवधि में पानी के बिना नहीं ,जल ही जीवन है ),पृथ्वी हमारी पालक है अन्नपूर्णा माता है। पोषक है संवर्धक है। दिन और रात के बीच ये सारा प्रपंच सारी कायनात चल रही है ,सारी सृष्टि को यही दिन रात नचा रहे हैं।ये दोनों ही पहरुवे हैं संरक्षक है गार्ज़ियन है। इन्हीं की गोद  में हम बे -फ़िक्र  बने हुए हैं संरक्षित हैं।  हमारे अच्छे और बुरे कर्मों का वह (धर्म )साक्षी है उसी को साक्षी मान शुभ अशुभ उच्चारित होता है। अपने कर्मों से ही व्यक्ति उसके (वाहगुरु )के नज़दीक पहुँच जाता है कर्मों से ही दूर हो जाता है। जिसके कर्म शुभ हैं लोककल्याण कारी पुण्य हैं वह पास से भी पास है विपरीत कर्मी  के लिए वह गुरु दूर से भी सुदूर ही बना रहता है।  नाम की महिमा का बखान करते हुए नानक सीख देते हैं जो

कुम्भाराम या कुम्भकरण बतला रहें हैं मसखरा राहू

कुम्भाराम या कुम्भकरण बतला रहें हैं मसखरा राहू  हाल ही में राजस्थान की एक चुनावी सभा में मसखरा राहु ने एक कुम्भकरण लिफ्ट योजना का दो बार ज़िक्र किया ,जब तीसरी बार अशोक गहलोत साहब ने इस मसखरे को टहोका मारते हुए फुसफुसाया -कुम्भाराम आर्य तब यह बोला कुम्भा योजना हमने आरम्भ की है।  हम यह पोस्ट अपने अनिवासी भारतीयों को बा -खबर करने के लिए लिख रहें हैं ,कि मान्यवर यह व्यक्ति (मसखरा राहु ,शहज़ादा कॉल ,मतिमंद दत्तात्रेय आदिक नामों से ख्यात )जब आलू की फैक्ट्री लगवा सकता है इनके महरूम पिता श्री गन्ने के कारखाने लगवा सकते हैं तब यह  'कौतुकी -लाल' श्री लंका में सुदूर त्रेता -युग में कभी पैदा हुए कुंभकर्ण को आराम से कुम्भाराम का पर्याय बतला सकता है इसके लिए दोनों में कोई फर्क इसलिए नहीं है क्योंकि इन्हें और इनकी अम्मा को न इस देश के इतिहास का पता है और न भूगोल का और ये मतिमंद अबुध कुमार अपने आप को स्वयं घोषित भावी प्रधानमन्त्री मान बैठने का मैगलोमनिया पाले बैठा है।  भारत धर्मी समाज का काम लोगों तक सूचना पहुंचाना है।हमने किसी से कोई लेना देना नहीं है अलबत्ता भारत धर्मी समाज को सचेत करते रह

Male Infertility: Causes, Treatment And Prevention(PART I )HINDI

मर्दों में बाँझपन ,क्या हैं वजहें ? वैश्विक स्तर पर एक अनुमान  के अनुसार छः में से एक दम्पति संतानहीनता के दायरे में हैं।संतान चाहने पर भी एक बरस तक  निष्फल रहने पर ऐसे दम्पतियों को माहिरों द्वारा रोगनिदान के लिए आगे आने के लिए कहा जाता है। जांच के बाद ३० फीसद मामलों में मर्दों में बांझपन के लक्षण मिलते हैं।बांझपन के  कुल मामलों का  पांचवां हिस्सा मर्दों में मौजूद बांझपन से ताल्लुक रखता है।  इसकी मुख्यतया चार  वजहें मालूम चली  हैं :  (१ )इनमें एक से लेकर दो फीसद मामलों में पुरुषों के दिमाग का वह हिस्सा जो तापमान तथा हारमोन आदिक के स्राव को रेगुलेट करता है स्वयंचालित तरीके से (हाइपोथैलेमस )और पीयूष ग्रंथि (pituitry gland )के विकार से ताल्लुक रखता है।  (२ )३० से ४०%मामले gonad disorder से जुड़े होते हैं।इसके अंतर्गत ही अंडकोष और अंडाशय आते हैं जिनका काम प्रजनन कोशिकाओं को पैदा करना है।   (३ ) १० से २० फीसद मामले शुक्राणु परिवहन सम्बन्धी विकार (sperm transport disorder )के मिलते हैं।  (४ )४० से लेकर ५०फीसद मामलों की वजह पकड़ में ही नहीं आती।इनके कारण अज्ञात बने रहते हैं।  श

राफेल का पूरा सच खोल डाला मेजर जनरल एस पी सिन्हा ने

Major General Mrinal Suman, AVSM, VSM, PhD, commanded an Engineer Regiment on the Siachen Glacier, the most hostile battlefield in the world. A highly qualified officer (B Tech, MA (Public Administration), MSc (Defence Studies) and a Doctorate in Public Administration) he was also the Task Force Commander at Pokhran and was responsible for designing and sinking shafts for the nuclear tests of May 1998. बे -शक भारतीय प्रतिरक्षा सेवाओं के साथ -साथ भारतीय चुनाव आयोग और माननीय सुप्रीम कोर्ट का भारत को अन्य  राष्ट्रों के बीच एक अग्रणी राष्ट्र बनाये रखने उसकी सम्प्रभुता को अक्षुण रखने में अप्रतिम योगदान रहा आया है।  लेकिन जैसे -जैसे २०१९ नज़दीक आ रहा है उन लोगों की बे -चैनी बढ़ती जा रही है जो वर्तमान राजनीतिक प्रबंध में स्थान नहीं पा सके। इनमें चंद रक्तरँगी तो हैं ही, धंधेबाज़ राजनीतिक विपक्ष के संग -संग सुपर राजनीतिक की भूमिका में माननीय सुप्रीम कोर्ट भी आता दिखलाई दिया है। ऐसा हम नहीं कहते भारत -धर्मी समाज के लोग मुंह खोलकर कहने लगें हैं।  ऐसे ही चंद लोगों से हमने इस मुद्दे पे बात की है